Tuesday, June 07, 2011
Ruby Wedding
Ruby wedding, how does it feel?
बच्पन बीता खेल-खेल मे
कभी मै आगे, कभी तुम; mostly साथ-साथ रहे.
English मे मै माहीर थी, हिन्दी मे तुम्हारा रौब था
मिलने-मिलाने का खूब बहाना था.
डेटिंग - वेटिंग का जमाना न था
हमारा परिवार orthodox था.
देवआनंद-मधुबाला थे, दिलिप कूमार-वैजयंतीमाला थे
उन्हे देख-देख हम भी खुश थे.
कब, क्यों, कहाँ, कैसे, cupid ने वार किया
हँसी-हँसी मे किसी को पता ना चला.
माता-पिता ने देर मे जाना,
बच्चों की मर्ज़ी झटसे माना.
किया सब कुछ हमने उनके हवाले
नौकरी अभी पक्की ना थी, क्या करते?
शादी हुई, बच्चे हुए, एक नही, दो नही, बारह!
Sorry, थे दो; मगर बराबर बारहके थे वो!
हमारी जाने-ज़िंदगी थे वो.
चालिस साल इस तरह बीत गये
कभी धूप में, कभी छांओ तले.
कभी आसमान मे उड़े, कभी खाई थी आगे
पर बप्पा साथ थे, पुनः धारा पर लाए.
कहा अभी चला-चल, जब तक दम मे दम
सांसो मे साँस, हाथों मे हाथ, अपने परिवार के संग.
Ruby wedding, How does it feel?
40 years- a steal, what's the big deal?